Monday, April 24, 2017

भारतीय दंड संहिता की धाराों का विवरण--धारा 1-15 तक

भारतीय दण्ड संहिता धारा १

भारतीय दण्ड संहिता की धारा १ इस धारा के बारे में और यह कहा कहा लागू होगी इस बारे में है। इसके तहत, इस संहिता को भारतीय दण्ड संहिता कहा जाएगा. यह संहिता जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर पूरे भारत देश में लागू होगी.

भारतीय दण्ड संहिता धारा २

भारतीय दण्ड संहिता की धारा २ इस बारे में है कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जिंसने की कोई भी अपराध किया है व भारत में इसके लिए दोषी पाया जाता है उसे इस संहिता व इसकी धाराओं के अनुसार सजा दी जा सकेगी.

भारतीय दण्ड संहिता धारा ३

भारतीय दण्ड संहिता की धारा ३ ऐसे अपराधो की सजा के बारे में है जो की भारत से बहार किये गए है पर कानून के अनुसार उन्हें भारत में ही पेश किया जायेगा व यही उनकी सुनवाई होगी. इसके तहत कोई भी व्यक्ति जिसपे की यह दंड संहिता लागू होती है के द्वारा किये गए किसी भी अपराध के बारे में, भले ही वोह भारत से बहार किये गए हो की सुनवाई व सजा भारत में होगी.

भारतीय दण्ड संहिता धारा ४

भारतीय दण्ड संहिता की धारा ४ भारत से बहार किये गए अपराधो की धरा के विस्तार के रूप में है। इसके तहत यह इनमे से किसी भी अपराध पे लागू हो सकती है जो की किसी भारतीय द्वारा किया गए हो चाहे वोह जगह भारत में हो या न हो. साथ ही ऐसा कोई भी जाहज या हवाईजाहज जो की भारत में पंजीकृत हो. इस धारा में अपराध का मतलब ऐसे किसी भी कृत्य से है जो की कही भी किया गया हो पर जो की भारत में अपराध है।

भारतीय दण्ड संहिता धारा ५

भारतीय दण्ड संहिता की धारा ५ ऐसे कानूनों के बारे में है जो की इस संहिता से प्रभावित नहीं होंगे. इसके तहत इस संहिता से ऐसा कोई भी कानून प्रभावित नहीं होगा जो की किसी सरकारी कर्मचारी, सनिक, नाविक, एयरमेंन आदि के द्वारा किये गए विद्रोह और परित्याग सम्बन्धी सजा के लिए है।

भारतीय दण्ड संहिता धारा ६

भारतीय दण्ड संहिता की धारा ६ संहिता में उन परिभाषाओं के लिए है जिन्हें अपवाद समझाना चाहिए. इसके तहत इस संहिता में हर प्रकार के अपराध, दंड आदि को इस संहिता के सामान्य अपवाद अध्याय के अनुरूप परखना चाहिए.

उन अभिव्यक्तियो के बारे में है जिन्हें एक बार समझाया गया है। इसके तहत हर अभिव्यक्ति, जो इस संहिता के किसी भी भाग में समझायी गयी है विवरण के साथ इस संहिता के अनुरूप हर हिस्से में प्रयोग कि जाती है।

भारतीय दण्ड संहिता धारा ८

भारतीय दण्ड संहिता की धरा ८ लिंग सम्बन्धी वर्णन के लिए है। इसके तहत पुरुलिंग लिंग सभी व्यक्तियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है चाहे उससे मुतालिक व्यक्ति पुरुष हो या महिला.

भारतीय दण्ड संहिता धारा ९

भारतीय दण्ड संहिता की धारा ९ अंको के प्रयोग के बारे में है। इसके तहत जहा विशेष रूप से उलेख कर बताया नहीं गया हो वहा बहुवचन अंको में एकवचन और एकवचन में बहुवंचन अंक समिलित होते है।

भारतीय दण्ड संहिता धारा १०

भारतीय दण्ड संहिता की धारा १० आदमी और औरतो के बारे में है। इसके तहत आदमी शब्द से मतलब किसी भी नर लिंग के मानव से है व औरत शब्द का मतलब किसी भी मादा लिंग के मानव से है चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो.

भारतीय दण्ड संहिता धारा ११

भारतीय दण्ड संहिता की धारा ११ व्यक्ति के बारे में. इसके तहत व्यक्ति शब्द से मतलब किसी व्यक्ति के आलावा किस भी संसथान, कम्पनी, आदि से भी हो सकता है चाहे वोह पंजीकृत हो या न हो.

भारतीय दण्ड संहिता धारा १२

भारतीय दण्ड संहिता की धारा १२ जनता के बारे में है। इसके तहत शब्द जनता से मतलब किसी भी जन समुदाय या किसी भी वर्ग की जनता से है।


भारतीय दण्ड संहिता धारा १३

भारतीय दण्ड संहिता की धारा १३ रानी के बारी में है। इस धारा को १९५० के संशोधन में खत्म कर दिया गया

भारतीय दण्ड संहिता धारा १४

भारतीय दण्ड संहिता की धारा १४ सरकारी नौकर के बारे में है। इसके तहत शब्द सरकारी नौकर से मतलब ऐसे किसी भी अधिकारी या नौकर से है जिसे की भारत में सरकार के द्वारा या के अधीन नौकरी पर रखा गया।

भारतीय दण्ड संहिता धारा १५

भारतीय दण्ड संहिता की धारा ब्रिटिश इंडिया के बारे में है। इसको सन १९३७ के संशोधन में हटा दिया गया।

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